
kal ki hi baat hai - krishnakumar kunnath lyrics
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कल की ही बात है
कल की ही बात है
बाहों में पहली बार, आया था तू
जिनसे अनजान था
वो सारे जज़्बात, लाया था तू
मुस्कानों, में तेरी
लिपटी थी सौग़ातें
होंठों पे, ख़ामोशी
आँखों में हज़ार बातें
वीराने में बहार, लाया था तू
बाहों में पहली बार, आया था तू
कल की ही बात है…
होंगे मेरे, अच्छे करम
जिनका सिला यूँ मिला
क़ाबिल तेरे, था मैं नहीं
फिर भी मुझे तू मिला
होंगे मेरे अच्छे करम…
तेरे आगे लगते हैं
बेमाने सब नाते
जिस तरहा सूरज के
एवज़ में तमाम रातें
कहाँ से इतना प्यार, लाया था तू
बाहों में पहली बार…
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