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ek behtar duniya | - spellmanmuzik lyrics

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[verse 1]
नियोन की रौशनी में बसा है मेरा शहर
चमकते हैं बत्तियाँ * अजीब सा, शांत सागर
कौन हूँ मैं, कोई नहीं जानता
कहाँ है मेरा घर, इस भविष्य के शहर में, ऊँची इमारतों की गर्मी में

[verse 2]
आयने में रोशनी, पर कोने में अंधेरा
मैं दौड़ता जा रहा हूँ तेज़, जैसे भाग रही हो मेरी तक़दीर
अफवाहें उड़ती हैं, एक के बाद एक कहानी
कौन हूँ मैं, क्या हूँ मैं * कोई नहीं जान पाएगा

[chorus]
मैं बना हूँ उन सायों से भागने के लिए
वायर और सर्किट जो दौड़ते रहते हैं
दिल काँच का, पर आत्मा जलती हुई
चाकू की तरह रात के सन्नाटे में
समय नहीं है बर्बाद करने को

[verse 3]
तुम मुझे ढूँढ़ रहे हो कंक्रीट के जंगलों में
सवाल पूछते हो, किसी दोस्त की तलाश में
मैं नहीं जानता, क्या यह मुमकिन है
इस शहर में, तुमसे कैसे छिपूँ मैं

[bridge]
शहर की चमक आसमान में उड़ती है
हर कदम मेरा, जैसे प्रोग्राम किया गया हो
तुम पास हो
मेरे पीछे हवा की तरह
तुम नहीं समझ पाओगे, मैं कौन हूँ
मैं ख्वाब देखता हूँ एक बेहतर दुनिया का
[chorus]
मैं बना हूँ उन सायों से भागने के लिए
वायर और सर्किट जो दौड़ते रहते हैं
दिल काँच का, पर आत्मा जलती हुई
चाकू की तरह रात के सन्नाटे में
समय नहीं है बर्बाद करने को

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