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sikkon ka nagar - tang mizaaji lyrics

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[verse 1]
सवाल आएगा, मैं पूछूंगा दुनिया से सच
ढूँढ़ता मैं फिर रहा एक खोई सी धुन की खबर
याद आता है, एक ऐसा भी वक्त था उधर
उस वक्त का रायता मैंने बनाया इधर
पर ज़माने को मैं कैसे बताऊँगा सच
जिधर ज़माना है, कुचला है उसने मुझे मगर
इस पहेली का क्या अंजाम था यहाँ लिखा
कुछ सिक्कों के पीछे मैंने लुटाया ये जहाँ

[chorus]
इन सारे सिक्कों का एक ऐसा नगर बना दे
इन सारे सिक्कों का एक ऐसा शहर बना दे
इन सारे सिक्कों का एक ऐसा भी घर बना दे
जहाँ पे मैं हूँ, मैं रहूँगा अकेला, अकेला, अकेला, अकेला

आज़ाद पंछियाँ कुछ कहती हैं मुझसे इधर
मैं बंद कमरे में उनका बनाऊँगा घर
मैंने ढूँढ़ता फिर रहा हूँ उस खोई सी धुन को इधर
पर मैं भटका हूँ, माफ़ कर, ये सारा ज़ुल्फ*ए*दर्द

इन सारे किस्सों का एक ऐसा नगर बना दे
इन सारे किस्सों का एक ऐसा शहर बना दे
इन सारे किस्सों का एक ऐसा घर बना दे
जहाँ पे मैं हूँ, मैं रहूँगा अकेला, अकेला, अकेला, अकेला

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