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lirik lagu jawaab – badshah

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[badshah “jawaab” के बोल]

[verse 1]
ये मुनासिफ होगा हमको थाम लो के
हम भी चांद ढूंढने लगे है बादलों में
नाम शामिल हो चुका है अपना पागलों में
मतलबी इस दुनिया से किनारे कर लूं
नाम तेरे सारी की सारी बहारे कर दूं
बस चले तो तेरे हाथ में सितारे रख दूं

[pre*chorus]
शाम का रंग, क्यों तेरे रंग में मिल रहा है?
दिल मेरा तेरे संग बैठकर, क्यों खिल रहा है?

[chorus]
है कोई जवाब? ओ मेरे जनाब
है कोई जवाब? इस बात का

[verse 2]
आपके अपने ही है, हमको जानिए तो
इस शर्म के लहज़े को पहचानिए तो
बात बन जाएगी, बात मानिए तो
क्या है कुछ नही, ये चार दिन की जिंदगानी
तारो की हेर*फेर की ये कारिस्तानी
ना कभी भी मिटने वाली लिखदे कहानी
[pre*chorus]
आपकी आंखों में, जो लिखा
मैं वो पढ़ रहा हूं
बात वो होठों पर कब आयेगी, इंतजार कर रहा हूं

[chorus]
है कोई जवाब? ओ मेरे जनाब
है कोई जवाब? इस बात का

[outro]
बुनते रहे, या ना बुने ये ख़्वाब
है कोई जवाब इस बात का?

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