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lirik lagu bann gayi zindagi – bhuvan bam

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[intro]
चट भी मेरी, पट भी मेरी
सब पाने की ज़िद भी मेरी
चट भी मेरी, पट भी मेरी
सब पाने की ज़िद भी मेरी

[chorus]
बन गई, बन गई
बन गई मेरी ज़िंदगी

[verse 1]
सपनों के थे पन्ने बड़े
पूरे करे, फिर से भरे
रुकना, रुकना
रुकना है हरगिज़ अब नहीं

[chorus]
बन गई मेरी ज़िंदगी

[verse 1]
बरसों से बंद पिंजरे में पंख खुल रहे हैं
बादल चख*चख मीठे रस में घुल रहे हैं
बरसों से बंद पिंजरे में पंख खुल रहे हैं
बादल चख*चख मीठे रस में घुल रहे हैं

[verse 2]
अब ख़्वाहिश ढीठ बड़ी है, झुकती नहीं है
मंज़िल अब सीढ़ी चढ़ के रुकती नहीं है
[verse 3]
तेरे हुकुम से ऊपर वाले अभी
खोले क़िस्मत ने ताले सभी
तेरे हुकुम से ऊपर वाले अभी
खोले क़िस्मत ने ताले सभी

[chorus]
बन गई, बन गई
बन गई इसकी, बन गई उसकी
बन गई मेरी ज़िंदगी

[outro]
बन गई मेरी
बन गई मेरी

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