lirikcinta.com
a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z 0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 #

lirik lagu kabhi to khul ke baras – chitra singh

Loading...

[intro]
कभी तो खुल के बरस अब्रे*ऐ*मेहेरबान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब्रे*ऐ*मेहेरबान की तरह

[chorus]
मेरा वज़ूद है जलते हुए मकान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब्रे*ऐ*मेहेरबान की तरह

[verse 1]
मैं एक ख्वाब सही आपकी अमानत हू
मैं एक ख्वाब सही आपकी अमानत हू
मुझे संभाल के रखिएगा जिस्म*ओ*जान की तरह

[chorus]
मेरा वज़ूद है जलते हुए मकान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब्रे*ऐ*मेहेरबान की तरह

[verse 2]
कभी तो सोच के वो शख्स किस कदर था बुलंद
कभी तो सोच के वो शख्स किस कदर था बुलंद
जो बिच्छ गया तेरे कदमो मे आसमान की तरह

[chorus]
मेरा वज़ूद है जलते हुए मकान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब्रे*ऐ*मेहेरबान की तरह
[verse ]
बुला रहा है मुझे फिर किसी बदन का बसंत
बुला रहा है मुझे फिर किसी बदन का बसंत
गुज़र ना जाए ये रुत भी कही खिज़ां की तरह

[chorus]
मेरा वज़ूद है जलते हुए मकान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब के मेहेरबान की तरह

lirik lagu lainnya :

YANG LAGI NGE-TRENDS...

Loading...