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lirik lagu akhbaar ke kirdaar – cruelly krur

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(hook)
देखो बिक रही, खबरे झूठे अल्फाज़ों में।
देखो सब खाली पड़ा, बाज़ारों में।
चलती इनकी दुकान, सरकार के फरमानों पे।
देखो बीचें किरदार, ये अख़बारों में।

देखो बिक रही, खबरे झूठे अल्फाज़ों में।
देखो सब खाली पड़ा, बाज़ारों में।
चलती इनकी दुकान, सरकार के फरमानों पे।
देखो बीचें किरदार, ये अख़बारों में।

(verse 1 vishal)
सुबा खोला टीवी
देखा news, कुछ नहीं था
काला सच झूठ बन
बिक रहा था।
सब नकली, सब कुछ fake
सब जाली, सब कुछ break (king)
सब खली, सब बने snake।
सब कुछ fake, fake, fake, देख।
पहला कुछ बोलता है
दशहरा उससे खोलता है
तीसरा उपयोग तोलता है
चौथा उपयोग मोलता है
पंचवा उससे तोता है
छट्टा उसमे जोड़ा है
कोई न सच बोलता है
क्यूंकी ये सब झोल सा है।
(hook)
देखो बिक रही, खबरे झूठे अल्फाज़ों में।
देखो सब खाली पड़ा, बाज़ारों में।
चलती इनकी दुकान, सरकार के फरमानों पे।
देखो बीचें किरदार, ये अख़बारों में।

देखो बिक रही, खबरे झूठे अल्फाज़ों में।
देखो सब खाली पड़ा, बाज़ारों में।
चलती इनकी दुकान, सरकार के फरमानों पे।
देखो बीचें किरदार, ये अख़बारों में।

(verse 2 siddhant)
बजरों में बिकता सब एक जैसा।
सबको चाहिए बस पैसा
बना ये समाज कैसा
सबको चाहिए बस शोर यहां पर
सारे बने पाए चोर यहां पर।
देखो चापे ये करोड़ यहां पर
ऑडियंस को समझे मत दूर यहां पर।
चली इनकी गाड़ी, चुक चुक पैसे वाली।
थाली में है छेद, और तय इनकी कली।
चले जैसे भेद ये, एक के पीछे धेर ये।
समझ खुदको शेर ये, बीचें शबरी के बेर ये।

(verse 3 siddhant)
hype करते ये, अच्‍छी news wipe करते
सही*सही बातों को ये left swipe करते।
मसाला मिला नहीं तो religion में ये dive करते
एक चीज को पक्का पूरे साल hype ये करते।

खुले आम टीवी पर ड्रग्स मांगते
हैं ये thugs, ये बात सब जानते हैं।
गोदी के ये बोधि फिर भी न माने
public का टाइम waste karna, ये रोज थेंते।

(hook)

देखो बिक रही, खबरे झूठे अल्फाज़ों में।
देखो सब खाली पड़ा, बाज़ारों में।
चलती इनकी दुकान, सरकार के फरमानों पे।
देखो बीचें किरदार, ये अख़बारों में।

देखो बिक रही, खबरे झूठे अल्फाज़ों में।
देखो सब खाली पड़ा, बाज़ारों में।
चलती इनकी दुकान, सरकार के फरमानों पे।
देखो बीचें किरदार, ये अख़बारों में।

(verse*4 vishal)
prime time, i’m planning for fine dine
switched on the tv and saw the crime of
originality, mutuality, reality, humanity
duality की बात तो करो ही मत तुम
शबदों से चले हमें, जैसे दातुन
कूट कूट के भरे हैं इनमे अवगुण
कुछ नहीं मिला तो एलियंस की ही धुन।
सुन*सुन के पाक भी गया अब जादू
डिबेट्स पे बुलटे हैं ये बस साधु
टीआरपी पर रहते अपना पूरा कबू।
और है सब के लिए
i am sorry बाबू

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