lirikcinta.com
a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z 0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 #

lirik lagu choli – darzi

Loading...

चेहरा छुपा के
सूरत नहीं
चुप्पी लगा के

बोली नहीं

घुंगट चढ़ा के
वह सपना नहीं
गजरा लगा के
मैं बिकती गयी

रातों को करवट
पलटती रही
खाना
परसती रही

चूल्हा जला के
सुलगती रही
प्यासी
तरसती रही

तूने ज़िंदा मुझको है पाया
वह मुंकिन नहीं
वह मुंकिन नहीं
ये चोली कैसा है पर्दा
जो कुतरे वही
जो कुतरे वही
गर्मी का एक लम्हा
नोचे वही
खरोंचे वही

ये चौका
सजाया भी था
माहवारी
में पराया भी था
मुझको छु के
सताया भी था
मारा भी था
मरवाया भी था

12 महीने
पसीना बहे
पैरों में छाले
नंगे पाओं तले

सूना
बस लगता रहे
ये गाना
गुनगुनाना पड़े

शीशे में चेहरा
धुंधला दिखे
ये आँखें
चपटी लगें

lirik lagu lainnya :

YANG LAGI NGE-TRENDS...

Loading...