lirikcinta.com
a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z 0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 #

lirik lagu prassthanam title track – dev negi

Loading...

धर्म है तेरा धर्मानम्
कर्म है तेरा कर्मानम्
आग में पग-पग चला है जो

वही डगर है उसका प्रस्थानम्

धर्म है तेरा धर्मानम्
कर्म है तेरा कर्मानम्
आग में पग-पग चला है जो
वही डगर है उसका प्रस्थानम्

यत्र-सर्वत्र जन्मानम्
भर्गो देवस्य धीमहि
युगे-युगे यही प्रथा-कथा
परिणाम परीक्षम् प्रस्थानम्

उबलते पानी में
कभी भी किसी का अक्स दिखता नहीं
संयम खो दे जो शख्स, कभी टिकता नहीं
टिकता नहीं, टिकता नहीं

काँटों भरा ये वृंदावन
पाप-पुण्य का गठबंधन
आग में पग-पग चला है जो
वही डगर है उसका प्रस्थानम्

पथरीले पथ पे जो चलता गया
वो एक क्षण रुकता नहीं
उसके मनोबल का कण-कण झुकता नहीं
झुकता नहीं, झुकता नहीं

फ़िर क्या राजा, क्या सिंहासन?
पाप की परिभाषा पावन
अक्रम अखंड अक्षया
परिणाम परीक्षम् प्रस्थानम्

कर्मों का खेल है, धर्मों की चाल है
ये किस्सा चलता रहे
बुझाओ जो ये आग, उतना बढ़े
उतना बढ़े, उतना बढ़े

धर्म है तेरा धर्मानम्
कर्म है तेरा कर्मानम्
आग में पग-पग चला है जो
वही डगर है उसका प्रस्थानम्

यत्र-सर्वत्र जन्मानम्
भर्गो देवस्य धीमहि
युगे-युगे यही प्रथा-कथा
परिणाम परीक्षम् प्रस्थानम्

(प्रस्थानम्)

lirik lagu lainnya :

YANG LAGI NGE-TRENDS...

Loading...