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lirik lagu thappadnagar – essex rumi

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[intro]
थप—थप्पड़ मार, थप्पड़ मार, थप—थप्पड़ मार
थप—थप्पड़ मार, थप्पड़ मार, थप—थप्पड़ मार
थप—थप्पड़ मार , थप्पड़ मार, थप—थप्पड़ मार
थप—थप्पड़ मार, थप्पड़ मार, खुदको थप्पड़ मार

[verse 1]
कहता रंगी माटी सारी
लगती बस है तुझको प्यारी
दबना सब कीड़ों का जारी
फिर क्यों तेरी चीख बेचारी?
करता शोषित तू लाचारी
जलते घर, होती बेईमानी
बकले जितनी दुनियादारी
उनका रक्त भी हिंदुस्तानी
थप्पड़ मार तू बेरोज़गार को
थप्पड़ मार तू होशियार को
थप्पड़ मार तू ईमानदार को
थप्पड़ मार तू वफादार को

[chorus]
थप—थप्पड़ मार, थप्पड़ मार, थप—थप्पड़ मार
थप—थप्पड़ मार, थप्पड़ मार, थप—थप्पड़ मार
थप—थप्पड़ मार, थप्पड़ मार, थप—थप्पड़ मार
थप—थप्पड़ मार, थप्पड़ मार, खुदको थप्पड़ मार
[hook]
थप्पड़ मार तू पत्रकार को
थप्पड़ मार तू कलाकार को
थप्पड़ मार तू नेकता को
थप्पड़ मार तू एकता को

[verse 2]
तू आजा अखाड़े में, दिन दहाड़े में
कब तक वो बोलेंगे तेरे सहारे में?
दुनिया अब जानती है, खोटी ये क्रांति है
शब्दों के गूंजेंगे चांटे करारे से
बंद कर ये धंधा, मत ले और तू पंगा
दंगे कर तू, होगा देश तेरा ही नंगा
दिमाग तेरा गंदा, पहना चश्मा रंगा
लहरा झण्डा अपना, कर मैला तिरंगा
थप्पड़ मार तू बेरोज़गार को
थप्पड़ मार तू होशियार को
थप्पड़ मार तू ईमानदार को
थप्पड़ मार तू वफादार को
थप्पड़ मार तू संविधान को
थप्पड़ मार तू सब विचार को
थप्पड़ मार तू आज़ादी को
थप्पड़ मार तू ज़िंदगी को

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