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lirik lagu inquilab – killerktherapper

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[intro]

आज अखबार में
बर्बाद है सब सुनने को मिले यही

आज जहान में
परदूषण कि जान गुम है वो देखो कई

आज बाजार में
बलात्कार के दर्द से लाचार हैं कई
आज बीमारी में
माँ*बाप कि सारी कमाई है गई

[verse 1]

आज सवाल ये चेहरा है कह रहा
कि “कहाँ गया वक्त सुनहरा?
क्या कल ही दिखेगा अंत का सवेरा?”
मुखौटा पहन बैठा नेता भी बहरा

बची साँसे थोड़ी फिर भी इनकी चोरी
बस खाँसे ये बोली करते सीना जोरी
ना चैन कि नींद का बिस्तर नसीब
गरीब के लिए तो मौत भी ना करीब

१ नेता के पीछे है अंधी आबादी
जिसने १ माँ कि पुकार दबा दी
वो बैठी दर्द में किसी ने ना दवा दी
कुर्सी कि भूक में मुल्क से दगा की

किस्मत ने कबर और शमशान दिखाई
उन्हे जो राम*रहमान थे करते लड़ाई
अगर वो लकीरें ना खून बहाती
तो शायद कि आज २ जान बच जाती

ज़िंदगी बची तो मुश्किल बढ़ी
तो नोट खत्म मिले ना कोई कड़ी
जो ठीक करे समय कि घड़ी
पर नोट बिना समय दिखता नहीं
धूप के नीचे दम तोड़े बीमार
साँसों कि कीमत जो बढ़ती आपार
यहाँ मुफट में चिता भी जलती नहीं
रकम बिना तो कफन भी नहीं

पहले कर बैठा इंसान गुमान
कि उससे ना बेहतर कोई और जहान
पर वही अवाम आज करती बखान
कि “आज ना जीना है बिल्कुल आसान”

जिस खुदा ने ये चीज बनाई
उसकी कीमत हम को समझ में ना आई
वो करके समीक्षा अब ले रहा परीक्षा
तभी उससे जीने कि मांगे हम भिक्षा

[bridge]

but we should thankful of doctors
who saved our mothers and daughters
and thankful of soldiers
for keeping us safe from the borders

[chorus]

इंक़लाब
करोना करोना करोना
इंक़लाब
इस corona को भी खत्म करोना

[verse 2]

इंक़लाब लाओ इंक़लाब
क्योंकि इंक़लाब से मिलेगा लाभ
ये वक्त आज अपना खराब
तो खत्म करो ये फैला सैलाब

पर मजहब के नाम पे बटा इंसान
यहाँ जात पे करते गुमान
लोग एकता को कर रहे फ़ना
जहान में सच्च का अर्थ ना

मेहनत करके आज कितने भूके
कोई नौकर बनके भी घिसता जूते
कोई देखे २ रोटी का अरमान
कोई हाँसील ना कर पाया मुकाम

भुकमरी कि story दुखभरी
कि जिसकी गोदभरी उसे सुख नहीं
कैसे पाले फूल कैसे दे वो पोषण
जिससे घर का चिराग हो जाए रौशन

सोने कि चिड़िया उड़ गई कहीं
जिसकी नूर दिखती नहीं
अब सब अंधेर कि नगरियाँ
सच्चाई से भी सब तकलिया

अब आइने भी हैं टूटते
चलता सब कुछ है झूठ पे
कुछ अपनों को ही हैं लूटते
कुछ निकले गलती के route पे

कम है गरजना पर ज्यादा बरसना
करनी मदद पर किसी को ना डसना
क्योंकि कमल बीच में cobra आ गए
जो बातों*बातों में सब को फसा गए

इंसान बँटवा के ये हिंसा करा गए
सबको ये बली का बकरा बना गए
सबको ये बली का बकरा बना गए
सबको ये खा गए

पर डर ना रखेंगे हम किसी राज का
आपदा खात्मा करेंगे आज हाँ (आज हाँ!)
आपदा खात्मा करेंगे आज हाँ

सारे के सारे अब १ हो जाओ
बीमारी को इस धरती से ही भगाओ
बीमारी को इस धरती से ही भगाओ

[bridge]

let’s unite and fight
with the blight
with the blight

[chorus]

इंक़लाब
करोना करोना करोना

इंक़लाब
इस corona को भी खत्म करोना

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