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lirik lagu chowk – punnet raga

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ब्रह्मलोक से चले देवता नाम हरि का जपते
(चले नाम हरि का जपते)
जिनके भय से दैत्य, दनुज, कायर

तीन लोक भी कँपते
(देखो, तीन लोक भी कँपते)

हो-हो-हो
जो है तिरलोकी के नाथ
भक्तन की रखते पत-भात
(जो है तिरलोकी के नाथ)
(भक्तन की रखते पत-भात)

हो, मिलकर करने लगे हरि की जय-जयकार
ये गाथा तेरी जग जाने
(माँ, हाँ, तुम में गिरे रे अमृत धार)
(ये गाथा तेरी जग जाने)

रमापति की करके वंदना, सारा हाल सुनाया
(उन्हें सारा हाल सुनाया)
थोड़े से अभी माने न प्रभु जी, दर-दर है भटकाया
(उन्हें दर-दर है भटकाया)

हो-हो-हो
स्वामी कोई उक्ति बताएँ
मुक्ति देवों को मिल जाये
(स्वामी कोई उक्ति बताएँ)
(मुक्ति देवों को मिल जाये)

नहीं तो होगा ये प्रलय संसार
ये गाथा तेरी जग जाने
(माँ, हाँ, तुम में गिरे रे अमृत धार)
(ये गाथा तेरी जग जाने)

बोले हरि हर देवगणों से, “सार समझते जाओ”
(सब सार समझते जाओ)
हो, असुरों के संग करके सं…

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