lirikcinta.com
a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z 0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 #

lirik lagu kahin pe nigahen kahin pe nishana – shamshad begum

Loading...

कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना
जीने दो ज़ालिम, बनाओ ना दीवाना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना

कोई ना जाने इरादे हैं किधर के
कोई ना जाने इरादे हैं किधर के
मार ना देना तीर नज़र का किसी के जिगर पे
मार ना देना तीर नज़र का किसी के जिगर पे

नाज़ुक ये दिल है, बचाना, ओ, बचाना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना

तौबा जी तौबा निगाहों का मचलना
तौबा जी तौबा निगाहों का मचलना
देखभाल के, ऐ दिलवालों, पहलू बदलना
देखभाल के, ऐ दिलवालों, पहलू बदलना

क़ाफ़िर अदा की अदा है मस्ताना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना

ज़ख़्मी हैं तेरे, जाएँ तो कहाँ जाएँ?
ज़ख़्मी हैं तेरे, जाएँ तो कहाँ जाएँ?
तेरे तीर के मारे हुए देते हैं सदाएँ
तेरे तीर के मारे हुए देते हैं सदाएँ
कर दो जी घायल, तुम्हारा है ज़माना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना

आया शिकारी, ओ, पंछी तू संभल जा
आया शिकारी, ओ, पंछी तू संभल जा
देख जाल है ज़ुल्फ़ों का, तू चुपके से निकल जा
देख जाल है ज़ुल्फ़ों का, तू चुपके से निकल जा

उड़ जा, ओ, पंछी, शिकारी है दीवाना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना

lirik lagu lainnya :

YANG LAGI NGE-TRENDS...

Loading...