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lirik lagu ek pal ke liye (reprise) – sonu nigam

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एक पल के लिए ही सही
घड़ियाँ हमको मिली मख़मली प्यार की
इस एक पल तो जी लें ज़रा
लम्हें ये फिर मिले ना मिले
खो जाने दे सभी दूरियाँ*फ़ासले
आ दिल मिला ले और पास आ

फिर क्या हो क्या ख़बर, देखा है किसने कल
आ रात रोक लें, फिर हो ना जाए सहर
फिर क्या हो क्या ख़बर, देखा है किसने कल
आ रात रोक लें, फिर हो ना जाए सहर

[instrumental*break]

चाँद पहलू में आ के सिमट रहा है, रात मुलायम होने लगी
आज शायद हवा में ज़रा सा नशा है या है किसी की जादूगरी
कैसा सितम है, पागल ये मन है
मर जाने को बोल रहा

फिर क्या हो क्या ख़बर, देखा है किसने कल
आ रात रोक लें, फिर हो ना जाए सहर
फिर क्या हो क्या ख़बर, देखा है किसने कल
आ रात रोक लें, फिर हो ना जाए सहर

[instrumental*break]
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तेरी साँसों की शबनमी ख़ुशबू को अपनी साँसों से पल भर छू लें ज़रा
इक बार तो सुरमई तेरी इन आँखों में डूब के जी लें जान*ए*वफ़ा
सबकुछ भुला दो, फिर से पुकारो, इन होंठों से नाम मेरा

फिर क्या हो क्या ख़बर, देखा है किसने कल
आ रात रोक लें, फिर हो ना जाए सहर
फिर क्या हो क्या ख़बर, देखा है किसने कल
आ रात रोक लें, फिर हो ना जाए सहर

[instrumental*break]

एक पल के लिए ही सही
घड़ियाँ हमको मिली मख़मली प्यार की
इस एक पल तो जी लें ज़रा
लम्हें ये फिर मिले ना मिले
खो जाने दे सभी दूरियाँ*फ़ासले
आ दिल मिला ले और पास आ

फिर क्या हो क्या ख़बर, देखा है किसने कल
आ रात रोक लें, फिर हो ना जाए सहर
फिर क्या हो क्या ख़बर, देखा है किसने कल
आ रात रोक लें, फिर हो ना जाए सहर

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