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lirik lagu taiyaari – soumik sen

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जीवन की रेस में
आगे बढ़ रहे हैं
आजकल बच्चे
तैयारी कर रहे हैं
जीवन की रेस में…

दिन शाम रात के, फर्क को मिटाकर
बागी दिमाग को, कुर्सी पे बिठा कर
मस्ती के अरमानों को, चिता पे लिटा कर
बागी दिमाग को, कुर्सी पे बिठा कर
पापा के सपनों के, टैक्स भर रहे हैं
आजकल बच्चे, तैयारी कर रहे हैं

बारहवाँ कप चाय है, थका सा दिमाग है
एंट्रेंस एग्ज़ाम का, बारह मासा राग है
मोटी सी सैलरी, का हरा भरा भाग है
एंट्रेंस एग्ज़ाम का, बारह मासा राग है
ज़िन्दगी कल शुरू होगी, आज मर रहे हैं
आजकल बच्चे, तैयारी कर रहे हैं

एंजीनियर बनना था, ये क्या बनके रह गया
कोचिंग की फैक्ट्री में, पुर्ज़ा सब सह गया
फ़ेलियर का ढोंग छोड़, सब पीछे रह गया
कोचिंग की फैक्ट्री में, पुर्ज़ा सब सह गया
फैमिली के नामों के, झंडे गाड़ रहे हैं
आजकल बच्चे तैयारी कर रहे हैं

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