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lirik lagu ram aayenge – vishal mishra

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[vishal mishra “ram aayenge” के बोल]

[intro]
आज गली*गली अवध सजाएँगे
आज पग*पग पलक बिछाएँगे
ओ, आज गली*गली अवध सजाएँगे
आज पग*पग पलक बिछाएँगे
आज सूखे हुए पेड़ फल जाएँगे

[chorus]
नैना भीगे*भीगे जाएँ, कैसे ख़ुशी ये छुपाएँ, राम आएँगे
कुछ समझ ना पाएँ, कहाँ फूल बिछाएँ, राम आएँगे
नैना भीगे*भीगे जाएँ, कैसे ख़ुशी ये छुपाएँ, राम आएँगे
कुछ समझ ना पाएँ, कहाँ फूल बिछाएँ, राम आएँगे

[verse 1]
सरजू जल*थल, जल*थल रोए, जिस दिन राघव हुए पराए
ओ, बिरहा के सौ पर्वत पिघले, हे रघुराई, तब तुम आए
ये वही क्षण है निरंजन, जिसको दशरथ देख ना पाए

[pre*chorus]
सात जन्मों के दुख कट जाएँगे
आज सरजू के तट मुस्काएँगे
मोरे नाचेंगे, पपीहे आज गाएँगे

[chorus]
आज दसों ये दिशाएँ जैसे शगुन मनाएँ, राम आएँगे
नैना भीगे*भीगे जाएँ, कैसे ख़ुशी ये छुपाएँ, राम आएँगे
कभी ढोल बजाएँ, कभी द्वार सजाएँ, राम आएँगे
कुछ समझ ना पाएँ, कहाँ फूल बिछाएँ, राम आएँगे
[verse 2]
जाके आसमानों से तारे माँग लाएँगे
कौशल्या के लल्ला जी, तुम्हीं पे सब लुटाएँगे
१४ साल जो रोके, वो आँसू अब बहाएँगे
अवध में राम आएँगे, हमारे राम आएँगे

[verse 3]
नील गगन से साँवले, कोटि सूर्य सा तेज
नारायण तज आएँ हैं शेष नाग की सेज
“राघव, “राघव” करते थे युग*युग से दिन*रैन
आज प्रभु ने दरस दिया, धन्य हुए हैं नैन

[bridge]
नतमस्तक हैं तीन लोक और सुर*नर करें प्रणाम
एक चंद्रमा, एक सूर्य, एक जगत में राम
एक जगत में राम

[chorus]
आज दसों ये दिशाएँ जैसे शगुन मनाएँ, राम आएँगे
नैना भीगे*भीगे जाएँ, कैसे ख़ुशी ये छुपाएँ, राम आएँगे
कभी ढोल बजाएँ, कभी द्वार सजाएँ, राम आएँगे
कुछ समझ ना पाएँ, कहाँ दीप जलाएँ, राम आएँगे

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