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lirik lagu tum bin – zeeshan

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तुम बिन यूँ क्या मैं हूँ
बुलबुलों सा रहूँ ना रहूँ
हों दर्द में यूँ अरमाँ मेरे

आके इन्हें तू आराम दे

जबसे है मैंने इस दिल के दर पे, हाँ, तेरी आहट सुनी
तबसे नमी मेरी आँखों में, तू ही मुस्कराहट बनी
अब तेरी बिन ज़िंदगानी जैसे बारिशें हों बिन पानी
कोई बेतुकी सी कहानी, साथिया

तुम बिन यूँ क्या मैं हूँ
बुलबुलों सा रहूँ ना रहूँ
हों दर्द में यूँ अरमाँ मेरे
आके इन्हें तू आराम दे

पल वो जीने की आस है तू जिसमें आसपास है
जिस पल तू है नहीं, जीना नहीं
है मुझको तो इतना पता, जुड़ी तुम से ये साँस है
दिल से ये मैंने कहा है यूँ ही नहीं

जबसे निकल के मेरे ख़्वाब से तू यूँ हक़ीक़त बनी
तू ही सर्द में मेरी धूप सी, तू ही छाँव मेरी घनी
अब तेरी बिन ज़िंदगानी जैसे बारिशें हों बिन पानी
कोई बेतुकी सी कहानी, साथिया

तुम बिन यूँ क्या मैं हूँ
बुलबुलों सा रहूँ ना रहूँ
हों दर्द में यूँ अरमाँ मेरे
आके इन्हें तू आराम दे

कभी जो रब मुझे मिले, जो पूछे मेरी ख़्वाहिशें
हर ख़्वाहिश में तेरा नाम दूँ
दिखे टूटा तारा तो करूँ दिल की सिफ़ारिशें
कि जन्म*ओ*जन्म तुझको मैं ही मिलूँ

सब जान कर अब यूँ ना कर मेरी चाहतें अनसुनी
धुँधली हैं बिन तेरे मंज़िलें, तू ही राह की रोशनी
अब तेरी बिन ज़िंदगानी जैसे बारिशें हों बिन पानी
कोई बेतुकी सी कहानी, साथिया

तुम बिन यूँ क्या मैं हूँ
बुलबुलों सा रहूँ ना रहूँ
हों दर्द में यूँ अरमाँ मेरे
आके इन्हें तू आराम दे

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