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lirik lagu zohra-jabeen (outro) – killerktherapper

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[verse 1]

दिल कितना अजीब
कितना फरीद
तेरा ही हाँ
तेरा ही आज
तेरा कासीद

ये दिल का फरमान
तू ही पहचान
कोई गिला
कोई सवाल
कर दे बयान
तू मेरी खुशी
आज खिली
इस दौर में
इस शोर में
मिलती नहीं

[chorus]

तू ज़ोहरा*जबीन
तू है कहीं

ऐ ज़ोहरा*जबीन
तू है कहीं

[verse 2]

हाँ तेरा ही लगाव तेरे ही मिलाब
बार*बार तेरा ही तो प्यार तेरा ही सवार
भूत मुझको, अगर डर लगे तुमको
सीने से लगाऊँ तुझको चाहे कुछ हो

हाँ मेरी बात भली*भांति ये जहन की
खुशबू वो तेरी लगे फूल कि महक सी
ना कर पाऊँ कहने से इनकार
मैं तैयार चल साथ मेरे यार
मैं मार वार इस जाहिल जमाने को
जो कहते मुझको इस इश्क को जाने दो
पर ना सुनेगा मैं नज़्मा लिखेगा
तेरे लिए दिल में कस्बा बनेगा

तू इक करिश्मा तू महजबीन है
तुझ में मैं लीन तू कितनी हसीन है
तूने उस अना को कर दिया फ़ना
जिसने था घोंटा मेरा गला

तेरे दिल कि दहलीज पे रोज देता था दस्तक
याद आए ख्वाबों में घूम जाए मश्तक
हसरथ तूने ही बताया था मक्सत
जो पहले बदलता रहता था मैं करवट

यी आहट सी आती है मुझको सताती
पर तू उस आहट को दूर भगाती
लगाती गले से तू आज मुझ ही को
कहती है “इस ज़िंदगी में तुम जीतो”

[chorus]

तू ज़ोहरा*जबीन
तू है कहीं

ऐ ज़ोहरा*जबीन
तू है कहीं
[verse 3]

मौसम लगता मुनीर
ठंडी समीर
फूल खिले
घटते गिले
सब कुछ सही

वक्त धीमा हुआ
मोरे पीया
तेरी ही रूह
से जुस्तजू
होती ही हाँ

नूर जलती जहां
मैं भी वहाँ
शिखवे घने
मस्ले बढ़े
कर दे फ़ना

[chorus]

तू ज़ोहरा*जबीन
तू है कहीं

ऐ ज़ोहरा*जबीन
तू है कहीं

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