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lirik lagu pyar hua iqrar hua (from “shree 420”) – lata mangeshkar & manna dey

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[intro]
प्यार हआ, इक़रार हुआ है
प्यार से फिर क्यूँ डरता है दिल?
प्यार हुआ, इक़रार हुआ है
प्यार से फिर क्यूँ डरता है दिल?

[chorus]
कहता है दिल, “रस्ता मुश्किल
मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल”
कहता है दिल, “रस्ता मुश्किल
मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल”

[chorus]
प्यार हुआ, इक़रार हुआ है
प्यार से फिर क्यूँ डरता है दिल?
कहता है दिल, “रस्ता मुश्किल
मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल”
प्यार हुआ, इक़रार हुआ है
प्यार से फिर क्यूँ डरता है दिल?

[verse 1]
कहो कि अपनी प्रीत का गीत ना बदलेगा कभी
तुम भी कहो, “इस राह का मीत ना बदलेगा कभी”
प्यार जो टूटा, साथ जो टूटा, चाँद ना चमकेगा कभी

[chorus]
प्यार हुआ, इक़रार हुआ है
प्यार से फिर क्यूँ डरता है दिल?
कहता है दिल, “रस्ता मुश्किल
मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल”
प्यार हुआ, इक़रार हुआ है
प्यार से फिर क्यूँ डरता है दिल?
[verse 2]
रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ
गीत हमारे प्यार के दोहराएँगी जवानियाँ
मैं ना रहूँगी, तुम ना रहोगे, फिर भी रहेंगी निशानियाँ

[chorus]
प्यार हुआ, इक़रार हुआ है
प्यार से फिर क्यूँ डरता है दिल?
कहता है दिल, “रस्ता मुश्किल
मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल”

[chorus]
कहता है दिल, “रस्ता मुश्किल
मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल”
प्यार हुआ, इक़रार हुआ है
प्यार से फिर क्यूँ डरता है दिल?

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